“प्रकृति का निराला खेल और मानव का विवेक” किशोर कुमार दास “भारतीय” 29/06/2025
रविवार की प्रातः बेला में सूर्य के दर्शन न होने की कल्पना मात्र से ही ऊर्जा के प्रवाह में कमी आना स्वाभाविक है। किंतु प्रकृति के खेल भी अद्भुत हैं।…
रविवार की प्रातः बेला में सूर्य के दर्शन न होने की कल्पना मात्र से ही ऊर्जा के प्रवाह में कमी आना स्वाभाविक है। किंतु प्रकृति के खेल भी अद्भुत हैं।…